नैसर्गिक कृषि तकनीक द्वारा किसानों का सशक्तिकरण

मिट्टी की गुणवत्ता का संरक्षण, जैव-विविधता रक्षण एवं भारत के किसानों का उत्थान।

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रणनीति

नैसर्गिक कृषि की तकनीकों में किसानों को प्रशिक्षण देना और उनकी मदद करना

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प्रभाव

कम लागत में अधिक उपज

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उपलब्धि

22 लाख से और अधिक किसानों का नैसर्गिक कृषि की पद्धति में प्रशिक्षण

अवलोकन

कर्ज, खराब फसल, सामाजिक दबाव ने हमारे अन्नदाता- भारत के किसानों को त्रस्त  किया। किसान, बैंक और साहूकारों से कर्ज लेकर महंगी रासायनिक उर्वरक, कीटनाशक दवाएं और बीज की खरीदी करते है। अगर वर्षा चूक जाती है तो किसान अपनी फसल खो देते है और उनके पास कर्ज चुकाने का कोई रास्ता नहीं बच पाता।

भारत भर में, आर्ट ऑफ लिविंग के उपक्रम श्री श्री नैसर्गिक कृषि प्रकल्प, नैसर्गिक कृषि की तकनीकों को बढ़ावा दे रहा है जो किसानों को कम खर्च, और उन्नत उत्पाद और लाभ प्राप्त करने का भरोसा दे रहा है।

वर्तमान में रासायनिक उर्वरक, कीटनाशक, संकारित/द्विजाति बीजों के व्यापक प्रयोग न केवल पानी को प्रदूषित कर रहे हैं, मिट्टी की पोषकता को कमजोर बनाकर इको सिस्टम को नुकसान पहुंचा रहे हैं, बल्कि किसानों को भी इन्हें खरीदने के लिए बडे़ कर्ज लेने पर मजबूर कर रहा है। आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा प्रसारित नैसर्गिक कृषि तकनीक, पर्यावरण अनुकूल और टिकाऊ होने के साथ साथ इसमें निवेश भी कम लगता है।

ये तकनीकें, मुख्यतः पूर्वकालीन समय में उस वक्त प्रयोग की जाती थीं जब भारत की अर्थव्यवस्था प्राथमिक तौर पर कृषि पर आधारित थी। लेकिन सन 1960 में हरित क्रांति ने आक्रामक रूप से खाद् और संकारित/द्विजाति बीजों के प्रयोग को उकसाया जिससे भारतीय किसान भारी कर्ज तले दब गये और इकोसिस्टम पर भी नकारात्मक रूप से प्रभाव पड़ा। वर्तमान समय में एक और कृषि क्रान्ति की जरुरत है जो किसानों की मदद करे, मिट्टी की उत्कृष्टता को बचा कर रखे, और इकोसिस्टम को सुरक्षित रखे  ।

श्री श्री नैसर्गिक कृषि योजना, इस क्रांति का आरम्भ कर चुका है।     

रणनीति

आर्ट ऑफ लिविंग के युवाचार्यों के बहुपक्षीय प्रयास, कृषक प्रशिक्षक और विभिन्न सरकारी अधिकारी पूरे देश में, किसानों की सहायता कर रहे हैं। आर्ट ऑफ लिविंग सभी राज्यों में नैसर्गिक कृषि पर प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित कर रहा हैं। 

प्रशिक्षक, स्वदेशी बीज, स्वदेशी गाय, नैसर्गिक खाद और कीटनाशकों के बारे में सैद्धांतिक सलाहों के अलावा प्रायोगिक प्रदर्शन का भी संचालन कर रहे है। 

यह कार्यक्रम किसानों को निम्नलिखित प्रशिक्षण देता है:

  • जैविक खाद बनाने के विभिन्न तरीके
  • खेतों में सही तरीके से खाद का उपयोग करना 
  • खेतों को किस प्रकार से जैविक बनाये रखना
  • कटाई के बाद किस पद्धति से उत्पाद को संभालना/देखरेख करना  

प्रशिक्षण पूर्ण होने पर, आर्ट ऑफ लिविंग की पूरी टीम इकट्ठा होकर नैसर्गिक कृषि को पूरी तरह अपनाने तक, किसानों का पूर्ण रूप से सहयोग करती है।

इसके अतिरिक्त, आर्ट ऑफ लिविंग ने संगठित प्रयासों द्वारा किसानों की समस्याओं के निदान हेतु, 'किसान मंच’ नामक प्लेटफॉर्म बनाया है ।

किसानों को उनके उत्पाद के लिए अच्छे दाम सुनिश्चित करने के लिये हम उन्हें प्रत्यक्ष व्यापार का स्थान भी प्रदान कर रहे हैं।

3 दिनों का प्रशिक्षण

नैसर्गिक कृषि की मूल बातें

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मार्गदर्शन

क्षेत्र और ऋतु पर आधारित व्यक्तिगत सुझाव प्रदान करना और

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हाथ पकड़ना

युवाचार्यों द्वारा नैसर्गिक कृषि को टिकाऊ बनाए रखने के लिए किसानों को सक्षम बनाना।

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किसान मंच

समस्याओं और सुझावों पर चर्चा के लिए किसान सम्मेलन।

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प्रत्यक्ष व्यापार

मध्यस्थों को हटाकर, किसान सीधा व्यापार कर सकते हैं जिससे वे अपना उत्पाद अच्छे दामों पर बेच सकते हैं।

कृषि, मानव अस्तित्व का आधार है। किसी भी सभ्यता की उन्नति के लिए, खेती पुष्ट और टिकाऊ होनी चाहिए। हमें अपना ध्यान वापस खेती पर लाना होगा जो कि एक प्राथमिक उद्योग है।

- गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर

क्रांति में हिस्सा लें

आपके सहयोग से हम और भी बहुत कुछ हासिल कर सकते हैं। पर्यावरण अनुकूल तरीकों से, किसानों को कम लागत पर अधिक उपज पैदा करने में मदद करें।

दान करें

प्रभाव

श्री श्री नैसर्गिक कृषि योजना ने मुख्य रूप से उन किसानों को प्रशिक्षित किया है जिन के पास 5 एकड़ से कम कृषि भूमि है। इससे उन्हें यह लाभ हुआ कि रासायनिक खेती में जो लागत लगती थी, अब उसका केवल 1/5 ही लग रहा है। उन्हें यह लाभ भी हुआ कि अब सिंचाई के लिए उन्हें पहले की तुलना में 1/5 से भी कम मात्रा में पानी की आवश्यकता होती है।

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लागत खर्च कम हुआ

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अधिक भूमि की कम पानी से जुताई

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पुनर्जीवित भूमि

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अधिक पैदावार

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जैव विविधता और पर्यावरण संरक्षण

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खाद सब्सिडी में बचत