ध्यान क्या है?

ध्यान वह है जो आपको गहरा विश्राम देता है। यह किसी वस्तु पर अपने विचारों को केंद्रित करना या एकाग्र करना नहीं है, बल्कि यह अपने आप में विश्राम पाने की प्रक्रिया है। ध्यान करने से किसी भी कार्य को एकाग्रता पूर्वक किया जा सकता है।

ध्यान के 5 लाभ

  1. शांत चित्त
  2. अच्छी एकाग्रता
  3. बेहतर स्पष्टता
  4. बेहतर संवाद
  5. मस्तिष्क एवं शरीर का कायाकल्प व विश्राम

ध्यान के 5 स्वास्थ्य लाभ

ध्यान के कारण शरीर की आतंरिक क्रियाओं में विशेष परिवर्तन होते हैं और शरीर की प्रत्येक कोशिका प्राणशक्ति (ऊर्जा) से भर जाती है। शरीर में प्राणशक्ति के बढ़ने से प्रसन्नता, शांति और उत्साह का संचार भी बढ़ जाता है।

ध्यान से शारीरिक स्तर पर होने वाले लाभ

  1. उच्च रक्तचाप का कम होना, रक्त में लैक्टेट का कम होना, उद्वेग/व्याकुलता का कम होना।
  2. शरीर में तनाव से संबंधित दर्द कम होता है। तनाव जनित सिरदर्द, घाव, अनिद्रा, मांशपेशियों एवं जोड़ों के दर्द से राहत मिलती है।
  3. भावदशा व व्यवहार बेहतर करने वाले सेरोटोनिन हार्मोन का अधिक उत्पादन होता है।
  4. प्रतिरक्षा तंत्र में सुधार आता है।
  5. ऊर्जा के आतंरिक स्रोत में उन्नति के कारण ऊर्जा-स्तर में वृद्धि होती है।

ध्यान के 12 मानसिक लाभ

ध्यान, मस्तिष्क की तरंगों के स्वरुप को अल्फा स्तर पर ले आता है जिससे चिकित्सा की गति बढ़ जाती है। मस्तिष्क पहले से अधिक सुन्दर, नवीन और कोमल हो जाता है। ध्यान मस्तिष्क के आतंरिक रूप को स्वच्छता व पोषण प्रदान करता है। जब भी आप व्यग्र होते हैं, अस्थिर होते हैं और भावनात्मक रूप से परेशान होते हैं तब ध्यान आपको शांत करता है। ध्यान के सतत अभ्यास से होने वाले लाभ निम्नलिखित हैं:

  1. व्यग्रता का कम होना
  2. भावनात्मक स्थिरता में सुधार
  3. रचनात्मकता में वृद्धि
  4. प्रसन्नता में संवृद्धि
  5. सहज बोध का विकसित होना
  6. मानसिक शांति एवं स्पष्टता
  7. परेशानियों का निराकरण
  8. ध्यान मस्तिष्क को केन्द्रित करते हुए कुशाग्र बनाता है तथा विश्राम प्रदान करते हुए विस्तृत करता है।
  9. बिना विस्तारित हुए एक कुशाग्र बुद्धि क्रोध, तनाव व निराशा का कारण बनती है।
  10. एक विस्तारित चेतना बिना कुशाग्रता के अकर्मण्य/ अविकसित अवस्था की ओर बढ़ती है।
  11. कुशाग्र बुद्धि व विस्तारित चेतना का समन्वय पूर्णता लाता है।
  12. ध्यान आपको जागृत करता है कि आपकी आतंरिक मनोवृत्ति ही प्रसन्नता का निर्धारण करती है।

ध्यान के 3 आध्यात्मिक लाभ

ध्यान का कोई धर्म नहीं है और किसी भी विचारधारा को मानने वाले इसका अभ्यास कर सकते हैं।

  1. मैं कुछ हूँ इस भाव को अनंत में प्रयास रहित तरीके से समाहित कर देना और स्वयं को अनंत ब्रह्मांड का अविभाज्य पात्र समझना।
  2. ध्यान की अवस्था में आप प्रसन्नता, शांति व अनंत के विस्तार में होते हैं और यही गुण पर्यावरण को प्रदान करते हैं। इस प्रकार आप सृष्टी के साथ सामंजस्य स्थापित कर पाते हैं।
  3. ध्यान के निरंतर अभ्यास से आप स्वयं को खोज पाएँगे।

ध्यान के लाभ कैसे प्राप्त करें

ध्यान के लाभ प्राप्त करने के लिए नियमित अभ्यास आवश्यक है। प्रतिदिन 10  से 20 मिनट का ध्यान ताजगी और ऊर्जा से भर देता है। यह आपको अनंत की गहराइयों में ले जाता है और जीवन को समृद्ध बनाता है।  

छात्रों के लिए ध्यान के 5 लाभ

  1. आत्मविश्वास में वृद्धि
  2. अधिक केन्द्रित व स्पष्ट मन
  3. बेहतर स्वास्थ्य
  4. बेहतर मानसिक शक्ति व ऊर्जा
  5. अधिक गतिशीलता

ध्यान पर सामान्य प्रश्न

आप आर्ट ऑफ लिविंग का सहज समाधी प्रोग्राम कर सकते हैं जिसमें आपको एक बीज मंत्र दिया जाता है जिससे आप गहरे ध्यान में बहुत सरलता से उतर जाते हैं। आप आर्ट ऑफ लिविंग के एप्प या यूट्यूब चैनल द्वारा गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर जी के गाइडेड मैडिटेशन भी कर सकते हैं। दिन में 2 बार ध्यान काफी लाभदायक होता है, आप सुबह और शाम के समय इसे कर सकते हैं।
दिन में 2 बार 20 मिनट का ध्यान पर्याप्त है।
ध्यान के कारण शरीर की आतंरिक क्रियाओं में विशेष परिवर्तन होते हैं और शरीर की प्रत्येक कोशिका प्राणशक्ति (ऊर्जा) से भर जाती है। शरीर में प्राणशक्ति के बढ़ने से प्रसन्नता, शांति और उत्साह का संचार भी बढ़ जाता है।
ध्यान वह है जो आपको गहरा विश्राम देता है। यह किसी वस्तु पर अपने विचारों को केंद्रित करना या एकाग्र करना नहीं है, बल्कि यह अपने आप में विश्राम पाने की प्रक्रिया है। ध्यान करने से किसी भी कार्य को एकाग्रता पूर्वक किया जा सकता है।
आर्ट ऑफ लिविंग के सहज समाधी योग द्वारा आप ध्यान योग साधना सीख सकते हैं।
दिन में 2 बार 20 मिनट का  ध्यान काफी लाभदायक होता है। सुबह और शाम के समय इसे कर सकते हैं।
ध्यान करने के लिए स्थिर होकर किसी शांत स्थान पर आराम से बैठ जाएँ जो कि आरामदायक व स्थिर हो, चाहे तो आप कुर्सी पर भी बैठ सकते हैं। महर्षि पतंजलि ने योग सूत्र में कहा है ‘स्थिरसुखम् आसनम्’ ॥२.४६॥
जब पूरे दिन व्यस्त रहते हैं, तो हम शारीरिक और मानसिक रूप से थक जाते हैं। 10 से 20 मिनट का ध्यान ताजगी और ऊर्जा से भर देता है।
ध्यान गहन विश्राम लेने और एक ही समय में सतर्क और सचेत रहने का तरीका है!
आप आर्ट ऑफ लिविंग का सहज समाधी प्रोग्राम कर सकते हैं जिसमें आपको एक बीज मंत्र दिया जाता है जिससे आप गहरे ध्यान में बहुत सरलता से उतर जाते हैं। आप आर्ट ऑफ लिविंग के एप्प या यूट्यूब चैनल द्वारा गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर जी के गाइडेड मैडिटेशन भी कर सकते हैं। दिन में 2 बार ध्यान काफी लाभदायक होता है, आप सुबह और शाम के समय इसे कर सकते हैं।

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