sri sri sanskar kendra

श्री श्री संस्कार केंद्र

श्री श्री सेंटर फॉर वैल्यूज एंड कल्चर (SSCVC)

जैसे पौधों को पूरी तरह खिलने के लिए पानी देना पड़ता है, उसी प्रकार से छोटे बच्चों में मानवीय मूल्य उभारने के लिए संस्कारों की आवश्यकता होती है।

- गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर
 

*आपका योगदान, आपके और आर्ट ऑफ लिविंग की परियोजनाओं के लिए लाभकारी है।

श्री श्री संस्कार के बारे में

करुणा, दयालुता, क्षमाशीलता, उदारता, सम्मान, एकता, संतोष इत्यादि मूल्य हर समाज में जटिल रूप से बुने हुए होते हैं। एकल परिवार, मीडिया का प्रभाव, समय की कमी, और तेज रफ्तार जिंदगी ने बच्चों के मन में मानवीय मूल्य जगाने और हमारी समृद्ध विरासत से नाता तोड़ा है।

श्री श्री संस्कार केंद्रों में, बच्चों को बुनियादी मूल्यों को धारण करने, सर्वश्रेष्ठ गुणों को विकसित करने और अपनी समृद्ध संस्कृति और इसकी विभिन्नता के प्रति प्रशंसा का भाव रखने के लिए प्रेरित किया जाता है।

श्री श्री संस्कार केंद्र के आनंदपूर्ण, संवादात्मक और प्यार भरे सत्रों में मुख्यतः कहानियाँ, श्लोक, मंत्रोच्चारण, आश्चर्य, खेलकूद, योग और अन्य गतिविधियां होती हैं। ये कार्यक्रम स्कूलों में प्राप्त शिक्षा के पूरक हैं और बच्चों में मूल्यों के प्रति मजबूत नींव के साथ समग्र विकास लाते हैं।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, हमें श्री श्री सेंटर फॉर वैल्यूज एंड कल्चर (SSCVC) के रूप में जाना जाता है।

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इस कार्यक्रम से बच्चों को क्या मिलेगा

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मानवीय मूल्य धारण करना

अपने बच्चों में बुनियादी मानवीय मूल्य जैसे देखभाल करना, सम्मान, जिम्मेदारी, ईमानदारी, उदारता इत्यादि को खिलते हुए देखना।

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मजबूत नींव

छोटी उम्र में ही बच्चों में मजबूत आधार बनाना जिससे वे जीवन में कुशलता विकसित कर सकें, ख़ुशी से जिम्मेदारियां लें और प्रतिस्पर्धी दुनिया का सामना करने के लिए तैयार हों।

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परम्पराओं के प्रति सम्मान

बच्चों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित होता है, वे अपनी प्राचीन समृद्ध विरासत को स्वीकार करते हैं और वे जीवन को व्यापक परिप्रेक्ष्य में देखते हैं।

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उत्सव और बुद्धिमत्ता

परिवारों में सम्बन्ध अधिक मजबूत होते हैं। सभी मिलकर उत्सव मनाते हैं, बच्चे अधिक सजग होते हैं तथा समाज और पर्यावरण के प्रति अधिक अपनापन अनुभव करते हैं।

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स्मरण शक्ति और केंद्रित मन

निम्नलिखित अध्ययन यह दर्शाता है, कि जिन लोगों ने 2 वर्षों तक नियमित रूप से मंत्रोचारण का अभ्यास किया, उन्होंने स्मृति परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन किया, परीक्षा में गलतियां कम की और परीक्षा को तीव्रता से पूर्ण किया। सम्बन्धित पृष्ठ को देखने के लिए यहाँ क्लिक करें।

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मंत्रोचारण के लाभ

अध्ययन बताते हैं कि, 'ओम ‘ का उच्चारण वेगस नर्व को उत्तेजित करता है, और इसका उपयोग अवसाद और मिरगी के उपचार के लिए किया जाता है। सम्बन्धित पृष्ठ को देखने के लिए यहाँ क्लिक करें।

मूल कार्यक्रम

(6 से 10 वर्ष के बच्चों के लिए)

  • ऑनलाइन मॉड्यूल M1-A
    • एक घंटे, प्रत्येक के 8 सत्र
  • ऑनलाइन मॉड्यूल M1-B
    • एक घंटे, प्रत्येक के 8 सत्र
  • व्यक्तिगत कक्षा मॉड्यूल M1
    • 2 घंटे, प्रत्येक के 12 सत्र

रामायण कार्यक्रम

(6 से 13 वर्ष के बच्चों के लिए)

  • ऑनलाइन भाग क
    • एक घंटे, प्रत्येक के 8 सत्र
  • ऑनलाइन भाग ख
    • एक घंटे, प्रत्येक 8 सत्र
  • व्यक्तिगत रूप से
    • 2 घंटे, प्रत्येक के 10 सत्र

संस्थापक

गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर

गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर एक वैश्विक मानवतावादी, आध्यात्मिक गुरु और शांति दूत हैं। तनावमुक्त और हिंसा मुक्त समाज के लिए उन्होंने एक अभूतपूर्व विश्वव्यापी आंदोलन का नेतृत्व किया है।

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मूल कार्यक्रम, रामायण वाले मॉड्यूल से किस प्रकार से अलग है?

श्री श्री संस्कार केंद्र समग्र दृष्टिकोण से प्यार भरे, सहभागितापूर्ण और उत्स्व के माहौल में दो अलग मॉड्यूल्स पेश करता है।

रामायण का मॉड्यूल रामायण महाकाव्य पर आधारित है, जिसमें बच्चों के लिए मूल्यों का खजाना है। मौज मस्ती से भरपूर, और सहभागिता पूर्ण सत्रों में, बच्चे अपने आपको सशक्त अनुभव करते हैं और उनमें गहरी श्रद्धा पनपती है। यह कार्यक्रम एकीकृत ऑफलाइन और ऑनलाइन के मॉड्यूल में उपलब्ध हैं। (रामायण भाग क और रामायण भाग ख) आयु वर्ग : 6 से 13 वर्ष

मूल कार्यक्रम ऑफलाइन M1 और ऑनलाइन (M1-A और M1-B) के मॉड्यूल में उपलब्ध है, जो बच्चों में मूल्यों को आत्मसात करने और बुद्धिमत्ता बढ़ा कर उनके जीवन के लिए मजबूत आधार बनाता है। प्रत्येक सत्र प्रेरणादायक कहानियों और सार्थक श्लोकों / दोहों के माध्यम से बुनियादी मूल्यों को जीवन में उतारता है। आयु वर्ग : 6 से 13 वर्ष

बच्चों की और भी बहुत सी ऑनलाइन कक्षाएं होती हैं। यह एक अतिरिक्त भार हो सकता है। कृपया मार्गदर्शन करें।

ये सत्र दूसरी ऑनलाइन कक्षाओं से एक स्वस्थ अवकाश प्रदान करते हैं। बहुत सारे माता - पिता यह बताते हैं, कि बच्चे इन सत्रों में आना चाहते हैं।

क्या मेरे बच्चे को मूल कार्यक्रम के दोनों ऑनलाइन मॉड्यूलस में भाग लेना पड़ेगा?

दोनों ऑनलाइन मॉड्यूल्स (M1-A और M1-B) एक दूसरे के विस्तार हैं, हर मॉड्यूल में अलग मूल्यों के बारे में बताया जाता है। हर मॉड्यूल अपने आप में अद्वितीय है। प्रत्येक मॉड्यूल में अलग श्लोक मंत्र, गतिविधियां और कार्यक्रम के दूसरे विभिन्न तत्व समाहित हैं। इन कार्यक्रमों में कोई भी किसी भी क्रम में भाग ले सकता है।

हमारे बच्चे को मूल कार्यक्रम के कौन से मॉड्यूल में भाग लेना चाहिए, ऑनलाइन या ऑफलाइन?

6 से 10 वर्ष के बच्चों के लिए दोनों ऑनलाइन और ऑफलाइन मॉड्यूलस में प्राथमिक सामग्री एक ही है। सत्रों में प्रेरणादायक कहानियाँ, श्लोक, मंत्र, दोहे, दादी माँ के नुस्खे, हमारी संस्कृति के चमत्कार, जप, योग, खेल और उत्सवपूर्ण गतिविधियां, सभी प्यार भरे और सहभागिता पूर्ण वातावरण में समाहित होती हैं।

ऑनलाइन मोड में M1-A और M1-B मॉड्यूल्स एक दूसरे के पूरक हैं, हर मॉड्यूल में 1 घंटे प्रत्येक के 8 सत्र होते हैं। ऑफलाइन कार्यक्रम में मॉड्यूल M1 में 2 घंटे प्रत्येक के 12 सत्र होते हैं।

ऑफलाइन व ऑनलाइन दोनों का अपना स्थान है। माता पिता इनमें से कोई भी कार्यक्रम बच्चों की सुविधा और उपलब्धता के अनुसार  चुन सकते हैं।

हम पहले से ही श्लोक और कहानियाँ सिखाते हैं। इन कार्यक्रमों से बच्चे को अलग से क्या लाभ होगा?

श्री श्री संस्कार केंद्र मॉड्यूल्स पूर्ण रूप से विकसित कार्यक्रम हैं। श्लोक और कहानियों के अतिरिक्त, और भी बहुत से तत्व हैं, जैसे कि दादी माँ के नुस्खे, योगासन, हमारी समृद्ध परम्परा का अनूठापन और मंत्रोच्चारण। समूह में आपसी संवाद द्वारा बच्चे एक दूसरे से काफ़ी कुछ सीखते हैं और अपनापन, करुणा, सम्मान, देखभाल करना और ईमानदारी जैसे मूल्यों का अनुभव और प्रभाव गहरा होता है।

क्या मेरे बच्चे को रामायण के दोनों ऑनलाइन मॉड्यूल्स में भाग लेना पड़ेगा?

रामायण के मॉड्यूल के दो भाग (भाग क और भाग ख) मिलकर कहानी पूरी होती है। भाग क में श्री रामचरितमानस के पहले कुछ कांण्ड हैं। शेष काण्ड भाग ख में हैं। प्रत्येक सहभागितापूर्ण सत्र में रामकथा का भावपूर्ण श्रवण, सस्वर पाठ और चौपाइयों / दोहों का सीखना (विशेष रूप से तैयार वीडिओ द्वारा), विशेष ज्ञान, खेल, गतिविधियां, योगासन, ध्यान और उत्सव होता है। बच्चों को इनमें क्रमवार भाग लेना होता है। जैसे जैसे कहानी आगे बढ़ती है, भाग क के बाद भाग ख आता है।

मेरे बच्चे को रामायण की कहानी पहले से आती है। श्री श्री संस्कार केंद्र द्वारा रामायण पर प्रस्तुत कार्यक्रम कैसे मूल्य संवर्धन कर सकता है?

कहानी (राम कथा) के साथ- साथ, कथा में घटनाओं और विभिन्न चरित्रों द्वारा प्रदर्शित मूल्यों को केंद्र में रखा जाता है, जिससे बच्चे इन मूल्यों का अपने जीवन में अनुकरण करने के लिए प्रेरित हों। विशेष रूप से तैयार वीडियो के माध्यम से श्री रामचरित मानस की चौपाइयों और दोहों के सस्वर पाठ द्वारा हमारी समृद्ध संस्कृति और प्राचीन ग्रंथों के प्रति रूचि और सम्मान उत्पन्न होता है। हर सत्र में ध्यान, योगासन, खेल और अन्य गतिविधियां होती हैं। समूह में सीखना बहुत सरल और अधिक मस्ती में होता है, जो एक न मिटने वाली छाप छोड़ता है।