‘आश्रम’ शब्द संस्कृत भाषा से आया है, जिसका अर्थ है बिना किसी श्रम के; इसलिए जब भी आप किसी आश्रम में आते हो तो आप अपने साथ लाए गए समस्त मानसिक बोझ, भय तथा असुरक्षा की भावनाओं को बिना किसी प्रयास के वहाँ छोड़ सकते हो। आश्रम का पर्याय ही है गहन विश्राम!

गत 43 वर्षों में, आर्ट ऑफ लिविंग ने  विश्व के अनेकों देशों में बहुत से आश्रम स्थापित किए हैं। यह केंद्र उन देशों में सामुदायिक विकास, सामाजिक उत्थान, लोगों के आत्मिक  विकास तथा आत्मचिंतन के लिए आदर्श आश्रयस्थल बन चुके हैं। इससे भी आगे, यह आश्रम भिन्न भिन्न आस्थाओं और विचारधाराओं को मानने वालों के लिए एक सामान्य आधार के स्थल बन गए हैं। वहाँ आने वाले आगंतुक प्राय: इनको अपने घर से दूर घर की तरह मानते हैं।

आश्रम को संपूर्ण मानवता के लिए प्रेम और करुणा का प्रकाशस्तम्भ बनाओ। आओ इनको विश्व में जीवन के सभी क्षेत्रों से आने वाले, सभी दर्शन शास्त्रों को मानने वाले तथा सभी पृष्ठभूमियों से आने वाले लोगों को एक सूत्र में पिरोने का माध्यम बनाएँ।

- गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर